रात की फुरसत मेंकरेंगे चांद से जब गूफ्तगूतो हौसला बांध करबताऊंगा तुझे मैंख्वाब अधूरा कल जो मैंने बुना थाआधा-जागा आधा-सोयागीत पुराना फिर जो सुना था, सितारों की बुनकर टिमटिमाहटडबडबाई अपनी आंखों सेतू भी बताना मुझेअहाते में तूने अपनेकिस चिड़िया की गूंज सुनी थीऔर घर की चौखट पे बैठकहानियां कल जो तूने बुनी थी मीलों दूरकैद […]
Kavita
पुरानी चिट्ठियाँ: कविता
सालों से बंद संदूक मेंवो तह लगे खत,कुछ पोस्टकार्ड, कुछ इनलैंडऔर कुछ लिफाफेकिताबों के नीचे दबी यें पुरानी चिट्ठियाँ,बड़ी संजीदगी से मानोमैने कुछ यादों को संजोया था,कुछ अफ़सानें बटोरे थे,तो कुछ फ़लसफ़े खोज़ लिए थे| पंखे की हवा में जो ये फड़फड़ाईकि मुझे किसी की हँसीतो किसी की मुस्कुराहट याद आई |और कुछ में नमी जो […]
ज़िंदगी का देवता: कविता
जब जब तेरे चेहरे नेहँसी के मुखोटे पहने,तब तब इस जग नेतुझको सराहा | पर शोक रहा तो बस इतनाकी जग की इन अँधी आँखों नेतेरा मधुर हास तो देखापर अंतर में छिपा गहरा विराग न देखा,तेरा ठिठोलापन तो देखापर उस कचोटती पीड़ा को न देखाजिसने तुझे मृत बना दिया है | मैं जानता हूँ –ऐ ज़िंदगी […]
सिगरेट के धुंए-सा: कविता
मैं आदी हूँ तेरा, तेरे लबों का इस कदर,कि सिगरेट के धुएँ सा तू मुझे पिये जाए,छु लूँ तेरी तड़फ को, तेरे हर ज़ज्बात को,कि कश-दर-कश भीतर तू मुझे लिये जाए । तेरी बेचैनी, तेरे हर मसले की दवा मैं बन जाऊं,कि हर साँस में गहरा जो तुझमें मैं बसता जाऊं,आधा हिस्सा मेरा जो ज़िद्द […]