कोई गिला नहीं तुझसे: कविता

कोई गिला नहीं तुझसे: कविता Tinder Poem/Break-up Poem

कोई गिला नहीं तुझसेबस जहन से अपने अबतुझे खारिज़ कर दिया | वक़्त के राहगीर थे,कुछ बातों के बाशिंदे थे,तुमने गुफ्तगू कीअपनी तसल्ली की दरकार तक,फिर मूडी तुमऔर निकल पड़ी अपनी राह पर, कुछ रोज़ पहले तकबहाने ढूँढा करती थीलम्हे साथ बिताने कोऔर उस दफ़ातू चल पड़ीवजह एक न थीमुड़कर निगाहें मिलाने को | तड़फ़ तेरी रही कुछ रोज़नहीं, कुछ अरसे […]

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पुरानी चिट्ठियाँ: कविता

पुरानी चिट्ठियाँ: कविता, A Poem about old letters Reference: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/2/2c/Writing_a_letter.jpg

सालों से बंद संदूक मेंवो तह लगे खत,कुछ पोस्टकार्ड, कुछ इनलैंडऔर कुछ लिफाफेकिताबों के नीचे दबी यें पुरानी चिट्ठियाँ,बड़ी संजीदगी से मानोमैने कुछ यादों को संजोया था,कुछ अफ़सानें बटोरे थे,तो कुछ फ़लसफ़े खोज़ लिए थे| पंखे की हवा में जो ये फड़फड़ाईकि मुझे किसी की हँसीतो किसी की मुस्कुराहट याद आई |और कुछ में नमी जो […]

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ज़िंदगी का देवता: कविता

ज़िंदगी का देवता: कविता (Zindagi ka Devta - Hindi Poem

जब जब तेरे चेहरे नेहँसी के मुखोटे पहने,तब तब इस जग नेतुझको सराहा | पर शोक रहा तो बस इतनाकी जग की इन अँधी आँखों नेतेरा मधुर हास तो देखापर अंतर में छिपा गहरा विराग न देखा,तेरा ठिठोलापन तो देखापर उस कचोटती पीड़ा को न देखाजिसने तुझे मृत बना दिया है | मैं जानता हूँ –ऐ ज़िंदगी […]

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सिगरेट के धुंए-सा: कविता

सिगरेट के धुंए-सा: कविता - A Hindi poem about love being so intoxicating as if cigarette smoke that goes through lips and stays in

मैं आदी हूँ तेरा, तेरे लबों का इस कदर,कि सिगरेट के धुएँ सा तू मुझे पिये जाए,छु लूँ तेरी तड़फ को, तेरे हर ज़ज्बात को,कि कश-दर-कश भीतर तू मुझे लिये जाए । तेरी बेचैनी, तेरे हर मसले की दवा मैं बन जाऊं,कि हर साँस में गहरा जो तुझमें मैं बसता जाऊं,आधा हिस्सा मेरा जो ज़िद्द […]

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