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ज़िंदगी का देवता: कविता | Offbeat Explorers
जब जब तेरे चेहरे नेहँसी के मुखोटे पहने,तब तब इस जग नेतुझको सराहा | पर शोक रहा तो बस इतनाकी जग की इन अँधी आँखों नेतेरा मधुर हास तो देखापर अंतर में छिपा गहरा विराग न देखा,तेरा ठिठोलापन तो देखापर उस कचोटती पीड़ा को न देखाजिसने तुझे मृत बना दिया है | मैं जानता हूँ –ऐ ज़िंदगी […]